Wednesday, June 23, 2010

आंधी

वक़्त की आंधी
सब उड़ा ले गयी

कल तक था जो चमन

आज उजड़ गया है

कोयल की कुहू-कुहू,

पपीहे की पीहू-पीहू

सब बदल गयी है

कल तक...

जो भी दोस्त थे अपने

छोड़ के चले गए हैं

बदल गए हैं

भय है मुझको एक दिन कही

मैं भी बदल न जाऊं


वक़्त की आंधी सब उड़ा ले गयी।