Thursday, April 7, 2011

हेलीकाप्टर शाट बनाम पल्लू स्कूप


वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले पेप्सी ने धोनी और दिलशान जैसे खिलाड़ियों को लेकर अपना विज्ञापन बनाया था । धोनी के विज्ञापन में 'हेलीकाप्टर शाट' और दिलशान का 'पल्लू स्कूप' जो बाद में 'दिल स्कूप' हो गया, लोगों के सर चढ़ कर बोलने लगा। उसे देख कर यही दुआ निकलती थी कि ऐसे ही हेलीकाप्टर शाट मैदान पर भी मारना। शुरू के मैचों में धोनी का बल्ला नहीं चल रहा था और दिलशान का बल्ला दौड़ रहा था। 'पल्लू स्कूप' धोनी के 'हेलीकाप्टर शाट' पर भारी पड़ रहा था। कभी कभी ऐसा लगता था की ये विश्व कप भी हमसे नज़रें चुराकर न निकल जाये। लेकिन कुर्बान जाइये टीम इंडिया पर, जिसने सचिन के लिए इसे जीत कर ही दम लिया। यह एक ऐसे सपने का हकीकत में बदलना था जिसे क्रिकेट के मसीहा ने देखा था। सचिन और क्रिकेट एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। सचिन की आँखों का ये सपना हर एक भारतवासी की आँखों का सपना बन गया था और हर एक उसके पूरा होने के लिए उतना ही उतावला था जितना कि सचिन।
सचिन के सम्मान में विश्व कप खुद उनके घर मुंबई पहुँच गया, जैसे कह रहा हो- "आओ शहंशाह! मैं आपके लिए ही यहाँ आया हूँ, मुझे अपने हाथों में उठा लो। अब तुम्हारा बरसों का इंतज़ार ख़त्म हुआ। तुम्हारी आँखों में मेरे लिए बेचैनी मुझसे अब नहीं देखी जाती।" इतने दिनों से एक अरब इक्कीस करोड़ क्रिकेट प्रेमियों के दिल में जो तरंगें, जो उमंगें हिलोरें ले रहीं थीं, वो आखिरकार धोनी के हेलीकाप्टर शाट पर ख़त्म हो ही गयी। और टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया।
जया हे! जया हे! जया हे!
जया जया जया जया हे!